मेरठ:सुहेल की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उसके पिता जान मोहम्मद का कहना है कि सुहेल को पत्थर काटने की मशीन ठीक कराने के लिए शहर भेजा था। वह उनके आने का इंतजार कर रहा था, मगर मौत की खबर आई।कमालपुर के सुहेल को नहीं पता था कि अपना शौक पूरा करने के लिए वह जिस मांझे को खरीदने शहर में आया है, वो मांझा ही उसकी मौत का कारण बनेगा। मांझे की चपेट में आकर गर्दन कटने से सुहेल और नवाजिश बाइक समेत सड़क पर गिरे। राहगीर दौड़ कर उनके पास पहुंचे। जब राहगीरों ने सुहेल की कटी हुई गर्दन और बहता हुआ खून देखा तो उनका कलेजा कांप गया। कुछ लोग यह मंजर देख नहीं सके और वहां से अलग हो गए। लोगों ने पुलिस को सूचना दी और दोनों को उठाकर मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। तब तक गर्दन से काफी खून बहने से सुहेल दम तोड़ चुका था।सुहेल अपने पिता के साथ परिवार की जिम्मेदारी निभा रहा था। पिता जान मोहम्मद मजदूरी करते हैं। सुहेल भी पढ़ाई छोड़ कर पिता के साथ ही मजदूरी करता था। वह पिता के साथ मिल कर परिवार की जिम्मेदारी उठा रहा था। पांच भाई बहनों में सुहेल दूसरे नंबर का था। उसकी मौत से बड़े भाई गुड्डू, छोटे भाई शाहिद, छोटा और बहन कहकशा का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां सुहेल का शव देखकर उससे लिपट गए। उन्हें देख वहां हर आंख नम हो गई।
चाइनीज मांझे का क़हर-सुहेल की गर्दन में मांझा फंसा और झटके से गर्दन कट गई
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