समलैंगिक विवाह पर शीर्ष अदालत के आदेश की समीक्षा की अपील खारिज

Date:

दिल्ली :शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा, जिस फैसले पर दोबारा विचार की अपील की गई है, वह कानून के मुताबिक सही हैं। अदालत को इसमें पुनर्विचार की कोई जरूरत नहीं दिखती। इसलिए पूर्व के आदेश में हस्तक्षेप उचित नहीं है। मामले में शीर्ष अदालत में जस्टिस बीआर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, जस्टिस बीवी नागरत्ना, जस्टिस पीवी नरसिम्हा और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की बेंच ने यह फैसला सुनाया। पीठ ने मामले में कहा कि उन्हें अपने पिछले फैसले में रिकॉर्ड पर कोई त्रुटि नहीं दिखी।समलैंगिक विवाह पर पहले पारित आदेश पर दोबारा विचार करने की अपील सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है।चैंबर कार्यवाही के बाद दिए गए अपने आदेश में पीठ ने कहा कि हमने एस रवींद्र भट (पूर्व न्यायाधीश) के खुद और जस्टिस हिमा कोहली (पूर्व न्यायाधीश) के लिए दिए गए फैसलों और हममें से एक (जस्टिस नरसिम्हा) की ओर से दी गई सहमति वाली राय को ध्यान से पढ़ा है। यह बहुमत का मत था। पीठ ने कहा कि दोनों फैसलों में दिया गया मत कानून के अनुसार है और इस तरह किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। लिहाजा पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज किया जाता है। पीठ ने समीक्षा याचिकाओं को खुली अदालत में सूचीबद्ध करने के लिए आवेदन को भी खारिज कर दिया। इस मामले से संबंधित याचिकाओं के एक समूह पर न्यायाधीशों के चैंबर में विचार किया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

पॉपुलर

और देखे
और देखे

क्यूआर कोड स्कैम के जाल से बचने को ज़रूरी है सावधानी

कैसे रहें सुरक्षित? केवल भरोसेमंद स्रोतों से प्राप्त क्यूआर...

रेहान अल्लाहवाला की दमदार सलाह-क्या बच्चे अपनी स्कूल फीस खुद भर सकते हैं?

सलीम हबीब यूनिवर्सिटी में इस प्रभावशाली भाषण में, रेहान...

आइए समझते हैं चाइनीज़ मांझा क्यों है इतना खतरनाक

पतंग उड़ाने के लिए ज्यादातर चाइनीज मांझे का इस्तेमाल...

राहुल गाँधी बोले -प्यार ही नफरत को हरा सकता है

दिल्ली :राहुल गांधी ने पीएम मोदी और केजरीवाल पर...