कैसे रहें सुरक्षित?
- केवल भरोसेमंद स्रोतों से प्राप्त क्यूआर कोड ही स्कैन करें।
- क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद वेबसाइट के URL को ध्यान से जांचें।
- बैंक या किसी वित्तीय सेवा से संबंधित क्यूआर कोड स्कैन करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की पुष्टि करें।
- अपनी व्यक्तिगत जानकारी और यूपीआई पिन किसी भी अनजान वेबसाइट पर न दें।
- गृह मंत्रालय और भारतीय साइबर क्राइम टीम ने लोगों को क्यूआर कोड स्कैम से सावधान रहने की सलाह दी है। साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता और सतर्कता ही इस धोखाधड़ी से बचने का एकमात्र उपाय है।आजकल एक नई धोखाधड़ी “क्यूआर कोड स्कैम” या “क्विशिंग” (Quishing) सामने आई है, जो लोगों की व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी चुराने का एक खतरनाक तरीका बन गया है।क्विशिंग एक ऐसा तरीका है, जिसमें साइबर अपराधी फर्जी क्यूआर कोड का उपयोग करते हैं। लोग इन क्यूआर कोड को स्कैन करके उन वेबसाइट्स पर पहुंच जाते हैं, जो उनकी निजी जानकारी या बैंकिंग डिटेल्स चुराने के लिए बनाई गई होती हैं।
- फेक वेबसाइट्स का जाल: अपराधी क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए कहकर लोगों को फर्जी वेबसाइट्स पर ले जाते हैं।
- खतरनाक सॉफ्टवेयर का उपयोग: कुछ क्यूआर कोड्स में ऐसे सॉफ़्टवेयर होते हैं, जो फोन की जानकारी चोरी कर सकते हैं।
- यूपीआई पिन की मांग: इन वेबसाइट्स पर अक्सर व्यक्तिगत जानकारी और यूपीआई पिन मांगे जाते हैं।