मुंबई(शिब्ली रामपुरी) मुंबई के मशहूर समाजसेवी एडवोकेट युसूफ अब्रानी ने कहा कि महंगाई के इस दौर में एक आम आदमी किस तरह से गुजर बसर करता है यह सबको मालूम है लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि मस्जिद के इमाम इस महंगाई के दौर में किस तरह से गुजर बसर करते हैं उनकी सैलरी कितनी कम होती है और कई बार तो उनको तनख्वाह वक्त पर भी नहीं मिलती.
इस्लाम जिमखाना में ग्लोबल केयर फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए युसूफ अब्रानी ने कहा कि मस्जिद के जो इमाम होते हैं उनका बड़ा बुलंद मर्तबा है लेकिन अफसोस के साथ कहना पड़ता है कि आज उनको इतनी कम सैलरी दी जाती है कि वह बहुत ही मुश्किल से अपना गुजर बसर कर पाते हैं. हमें इस बात पर गंभीरता से सोचना होगा और इस समस्या का समाधान निकालने की हरसंभव कोशिश करनी होगी क्योंकि यह हम सब की जिम्मेदारी बनती है कि हम इमाम की सैलरी पर संजीदगी से ग़ौर व फ़िक्र करें और उनकी सैलरी इतनी होनी चाहिए कि जिससे वह अपना और अपने परिवार का गुजर बसर सुकून के साथ कर सकें.
महंगाई के इस दौर में मस्जिद के इमाम की तनख्वाह पर भी ध्यान देने की विशेष जरूरत:यूसुफ़ अब्रानी
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