बिहार सरकार ने एचएमपीवी वायरस से निपटने के लिए सरकारी अस्पतालों में तैयारियां शुरू कर दी है। अभी गंभीर मरीज नहीं हैं, लेकिन सरकार एहतियात बरत रही है। मरीजों की जांच, इलाज और जरूरत पड़ने पर बेड की व्यवस्था की जा रही है। केंद्र सरकार के साथ मिलकर राज्य स्वास्थ्य विभाग इस वायरस पर नजर रख रहा है।सरकारी अस्पतालों में पहले से मौजूद 20,539 बेड हैं। अगर मरीजों की संख्या बढ़ती है, तो उनके लिए अलग से बेड की व्यवस्था की जाएगी।कोरोना के बाद अब एचएमपीवी वायरस की चिंता बढ़ गई है। यही कारण है कि केंद्र और राज्य सरकारें सतर्क हैं। बिहार में अभी तक एचएमपीवी के गंभीर मरीज नहीं मिले हैं। फिर भी, स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को तैयार रहने को कहा है।बिहार स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, फिलहाल एचएमपीवी की जांच पुणे में ही होती है। गंभीर मरीजों के ब्लड सैंपल पुणे के इंडियन वायरोलॉजी लैब (आईवीएल) भेजे जाएंगे। राज्य स्वास्थ्य समिति के आईएचआईवी प्रभारी डॉ रणजीत कुमार ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में भर्ती बुखार या श्वसन रोग के गंभीर मरीजों के ब्लड सैंपल इंडियन वायरोलॉजी लैब (आईवीएल) पुणे को भेजकर जांच कराने और इसकी रिपोर्ट भी विभाग को उपलब्ध कराने को कहा गया है। मतलब अगर किसी मरीज में बुखार या सांस लेने में तकलीफ के गंभीर लक्षण दिखते हैं, तो उनका ब्लड सैंपल पुणे भेजा जाएगा।
बिहार में एचएमपीवी से निपटने के लिए सरकारी अस्पतालों में तैयारियां तेज कर दी गई हैं
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