बड़ा प्यारा मिरा हिन्दोस्ताँ है
बड़ा प्यारा मिरा हिन्दोस्ताँ है
बहारों से सजा ये गुलिस्ताँ है
हिमाला की बुलंदी कह रही है
मिरे दामन में गंगा बह रही है
मिरी आग़ोश में जमुना रवाँ है
बड़ा प्यारा मिरा हिन्दोस्ताँ है
यहाँ उभरे हज़ारों धरम-ओ-ईमाँ
हैं इक परचम तले हिन्दू मुसलमाँ
मिलन की राग जनता की ज़बाँ है
बड़ा प्यारा मिरा हिन्दोस्ताँ है
रगों में दौड़ती है रवानी
बहादुर शाह की सुन कर कहानी
भगत-सिंह आज भी ज़िंदा यहाँ है
बड़ा प्यारा मिरा हिन्दोस्ताँ है
–अहमद वसी
बहुत बहुत मुबारक़…. रिपब्लिक डे…🌹
क़ौमी फ़रमान