एक ईरानी लड़की, इस साल की ब्रिक्स शोधकर्ता बनी -छात्रा ने 2025 ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन के युवा शोधकर्ता का खिताब जीत लिया।

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तेहरान विश्वविद्यालय के विश्व अध्ययन फ़ैक्लटी की एक छात्रा ने 2025 ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन के युवा शोधकर्ता का खिताब जीत लिया

सुश्री “हुस्ना सलीमी”, तेहरान विश्वविद्यालय में विश्व अध्ययन फ़ैक्लटी में भारतीय अध्ययन की पीएचडी की छात्रा और एशियन मेयर्स एसोसिएशन की इन्टर्न ने, जिन्हें इस एसोसिएशन द्वारा “ब्रिक्स और एससीओ यंग लीडर्स अवार्ड” (BRICS and SCO Young Leaders Award) कार्यक्रम के लिए नामांकित किया गया था, “साल के शोधकर्ता” का ख़िताब जीत लिया।

पार्सटुडे के अनुसार, इस कोर्स में ईरान, भारत, चीन, मिस्र, क़ज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, इथियोपिया, ताजिकिस्तान और रूस सहित 13 देशों के 400 से अधिक प्रतिभागियों में से 10 लोगों का चयन किया गया और उन्हें रूस के काज़ान में एक समारोह के दौरान पुरस्कार प्राप्त हुए।

ब्रिक्स एंड शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन यंग लीडर्स अवार्ड” प्रतिवर्ष पांच विभागों में प्रदान किये जाते हैं: “साल का सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक कूटनीति प्रोजेक्ट”, “मीडिया के क्षेत्र में साल की सबसे प्रभावी हस्ती”, “साल के सबसे बेहतर सामाजिक व्यापारी”, “साल की पर्यावरण पहल” और “साल का बेहतरीन शोधकर्ता”।

2025 में ब्रिक्स प्राथमिकताओं का निर्धारण

दूसरी ख़बर यह है कि ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय टेलीविजन नेटवर्क “टीवी ब्रिक्स” (TV BRICS) के हवाले से रिपोर्ट के अनुसार, ब्राजील सरकार ने एक दस्तावेज़ जारी किया है जिसमें ब्रिक्स अध्यक्ष पद की प्राथमिकताओं को बयान किया गया है।

ग्लोबल साउथ में सहयोग और सामाजिक विकास के लिए साझेदारी सहित दो प्राथमिकताएं सूचीबद्ध हैं जिन्हें छह मुख्य क्षेत्रों में विभाजित किया गया है: वैश्विक स्वास्थ्य, व्यापार और वित्त में सहयोग, जलवायु परिवर्तन के मुद्दे, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस या एआई) की ताक़त, बहुपक्षीय शांति और सुरक्षा संरचनाओं में सुधार तथा संस्थागत विकास। इस दस्तावेज़ में व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा करने और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस या एआई) के नैतिक, सुरक्षित और ज़िम्मेदार इस्तेमाल के लिए जानकारी को शामिल करने की आवश्यकता का भी उल्लेख किया गया है।

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