वो लाइब्रेरी जो है बेमिसाल -आप भी जानिए

Date:

(अजीत साही, वरिष्ठ पत्रकार)

जैसे भारत में ज़िले होते हैं वैसे अमेरिका में काउंटी होती है. हमारी काउंटी की आबादी एक लाख से कम है. इस काउंटी में एक पब्लिक लाइब्रेरी है जो सरकारी ख़र्च पर चलती है. काउंटी में रहने वालों के लिए ये लाइब्रेरी फ़्री है.

बच्चे एक बार में दस किताबें इश्यू करवा सकते हैं. बड़े लोग एक बार में सत्तर किताबें इश्यू करवा सकते हैं.

पूरी काउंटी में इस लाइब्रेरी के चार बड़े सेंटर हैं. एक सेंटर हमारे घर से एक मील की दूरी पर है.

ये लाइब्रेरी मेरे बेटे और मेरी पत्नी दोनों के लिए बेहद प्रिय है. मेरा बेटा अभी नौ साल का है मगर पिछले चार सालों में यहाँ से कम से कम दो-ढाई सौ किताबें इश्यू करवा के पढ़ चुका है. दिन रात किताबें ही पढ़ता रहता है. उसका लाइब्रेरी कार्ड उसके स्कूल से कनेक्टेड है.

लाइब्रेरी के चारों सेंटर को मिला लें तो इनमें हज़ारों किताबें होंगी. इन चार सेंटर के अलावा एक SUV को मोबाइल लाइब्रेरी में भी तब्दील किया गया है. ये मोबाइल लाइब्रेरी पूरे दिन काउंटी के अलग अलग इलाक़ों में घूमती रहती है. आप घर बैठे लाइब्रेरी की वेबसाइट के ज़रिए किताब सेलेक्ट करके मोबाइल लाइब्रेरी से मँगवा सकते हैं. वो आपके मुहल्ले के आसपास आएगी जहाँ से आप कलेक्ट कर सकते हैं.

काउंटी लाइब्रेरी का अपना ऐप भी है. उस ऐप पर हम ई-बुक इश्यू करवा के पढ़ सकते हैं और ऑडियो बुक सुन सकते हैं. सब फ़्री है. मेरा बेटा और मेरी पत्नी दोनों ई-बुक और ऑडियो बुक के भी प्रेमी हैं.

लाइब्रेरी में फ़िल्मों के सीडी भी मिलते हैं. इसके अलावा लाइब्रेरी की मेंबरशिप के साथ फ़िल्मों के एक ऐप की फ़्री मेंबरशिप मिलती है. Kanopy नाम के उस ऐप में क़रीब तीस हज़ार फ़िल्में हैं. इनमें हॉलीवुड से लेकर डॉक्यूमेंटरी सभी क़िस्म की फ़िल्में हैं. मेरी पत्नी और मैं अक्सर इस ऐप के ज़रिए अपने घर के टीवी पर फिल्में देख लेते हैं.

आप किसी भी सेंटर से किताब या सीडी इश्यू करवा कर किसी भी सेंटर पर लौटा सकते हैं. अगर आपकी पसंदीदा किताब या सीडी आपके सेंटर पर नहीं है या किसी और ने इश्यू करवा रखा है तो आप इंटरनेट के ज़रिए उस पर होल्ड डाल सकते हैं. जैसे ही वो उपलब्ध होगी फ़ौरन आपके सेंटर पर आ जाएगी और आपको ईमेल आ जाएगा कि आकर इश्यू करवा लें.

अगर कोई ऐसी किताब है जो हमारी काउंटी के किसी भी सेंटर पर नहीं है लेकिन हमारे राज्य Maryland की किसी और काउंटी की लाइब्रेरी में है तो उसे भी आप मँगवा सकते हैं. बस उसे जल्दी पढ़ कर या देख कर वापस करना होगा. मेरे बेटे ने Tintin comics दूसरी काउंटी की लाइब्रेरी से मँगवा कर जल्दी से पढ़ डाला.

हमारे घर के पास के लाइब्रेरी सेंटर में बच्चों और बड़ों के लिए दो अलग फ़्लोर हैं. बच्चों के फ़्लोर पर छोटे बच्चों के खेलने के लिए बहुत सारे खिलौने भी हैं. हर फ़्लोर पर कई सारे कंप्यूटर भी हैं जहाँ बैठ कर आप अपना काम फ़्री में कर सकते हैं. तीन चार ऑफ़िस रूम और एक कांफ्रेंस रूम भी है जिसे आप फ़्री में बुक करके इस्तेमाल कर सकते हैं. लाइब्रेरी में फ़्री वाईफ़ाई तो है ही.

लाइब्रेरी में जो कर्मचारी कार्यरत हैं वो आपकी मदद के लिए तत्पर रहते हैं. कल ही एक महिला कर्मचारी ने मेरे बेटे से देर तक बात की कि उसको किस क़िस्म की किताबें पसंद हैं. उन्होंने बेटे को कई नई किताबें दिखाईं और कहा कि अगर ये न पसंद आए तो वापस आकर मुझसे बात करो तो मैं और किताबें मंगा दूँगी.

हमारे सेंटर पर दोनों फ़्लोर पर बालकनी है. वहाँ कुर्सियाँ और मेज़ लगी हैं. जितना देर चाहे बैठो. सामने रेतीली चौपाटी और समंदर है. अच्छे मौसम में वहाँ बैठ कर नज़ारे देखो और मज़े लो.

अक्सर मैंने देखा है कि लाइब्रेरी में नई किताबों के लेखक अपनी किताबों की reading और signing करते हैं. लाइब्रेरी में आए दिन बच्चों और बड़ों के लिए अलग अलग ईवेंट या ट्रेनिंग कार्यक्रम भी होते रहते हैं.

लाइब्रेरी में नीचे पार्किंग है. वहाँ जो लिफ़्ट लगी है उसके बग़ल में एक छोटी सी अलमारी रखी है. एक फ्रिज भी रखा है. उनमें ग़रीबों के लिए खाने का फ़्री सामान रखा होता है. ये सामान लाइब्रेरी की ओर से नहीं होता है बल्कि इसे हमारे जैसे नागरिक लाकर रखते हैं इस उम्मीद से कि ग़रीब परिवार के लोगों की थोड़ी मदद हो सकेगी.

कई सारी और तस्वीरें कमेंट में लगा रहा हूँ. आशा है आप लोगों को पसंद आएँगी.

अजीत साही, वरिष्ठ पत्रकार

फेसबुक वाल से साभार

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

पॉपुलर

और देखे
और देखे

सुलेमान बिन अब्दुल अज़ीज़ अल राजी ने दान कर दी अपनी आधी सम्पत्ति

अल राजी बैंक के सह-संस्थापक सुलेमान बिन अब्दुल अज़ीज़...

पश्चिमी पूंजीवादी व्यवस्था ने महिलाओं के साथ क्या किया है?

पश्चिम ने हमेशा स्वतंत्रता और समानता का रक्षक होने...

मेरठ के शहर क़ाज़ी का इंतक़ाल

मेरठ के शहर काजी प्रोफेसर जैनुस साजिद्दीन का निधन...