लखनऊ- गंज मुरादाबाद जनपद उन्नाव निवासी वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रमुख समाजसेवी नरेश दीक्षित ने गंज मुरादाबाद से नयागाँव तक बन रही दोहरी सड़क पी डब्लू डी खण्ड-2 बिलग्राम से उन्नाव-हरदोई जनपद के सीमावर्ती गांवों को जोड़ने के लिए बन रही है। सड़क निर्माण कार्य की खुदाई 02 जून से गंज मुरादाबाद उन्नाव से हुई थी। शुरुआत के समय साधारण ढ़ंग से इसका भूमि पूजन हुआ था तथा खुशी में प्रसाद वितरण हुआ। मात्र इस बात को लेकर मल्लावां-हरदोई के विधायक इतना कुपित हो गए कि हरदोई जिला प्रशासन पर अपनी विधायकी का दबाव बनाकर निर्माण खण्ड-2 लो नि वि हरदोई मुख्यालय बिलग्राम के सहायक अभियन्ता प्रथम शिव नारायन पाण्डेय द्वारा 09 जून को मल्लावां पुलिस कोतवाली जनपद हरदोई में एक प्रार्थनापत्र देकर एफआईआर सं- 0199/2025 धारा 221,223,351,352 व 353(2) बी एन एस 2023 के अंतर्गत फर्जी रिपोर्ट लिखा दी गई ताकि नरेश दीक्षित की सामाजिक प्रतिष्ठा को खराब किया जा सके। जबकि सड़क पूजन का कार्य गंज मुरादाबाद जनपद उन्नाव में हुआ था।
उक्त फर्जी एफआईआर के लिए वरिष्ठ पत्रकार द्वारा मा उच्च न्यायालय की खण्डपीठ लखनऊ में न्याय के लिए रिट संख्या-5474/2025 (सी आर एल पी) दाखिल की। इस पर 25 जून 2025 को मा न्याय मूर्ति पंकज भाटिया एवं मा न्याय मूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की बेंच ने विद्वान अधिवक्ताओं की बहस के दौरान टिप्पणी की कि ‘पूजा-पाठ करना आम नागरिक का अधिकार है’ पूजा कहीं भी कोई भी स्थान पर कर सकता है। पूजा सिर्फ किसी भी जनप्रतिनिधि को ही करने का संवैधानिक अधिकार नहीं है।इस सख्त टिप्पणी के साथ मा उच्च न्यायालय ने दर्ज एफआईआर की किसी प्रकार की विवेचना को स्थगित कर दिया है।
उक्त रिट में उच्च न्यायालय लखनऊ खण्डपीठ के विद्वान अधिवक्ता रजत प्रताप सिंह, कार्तिकेय सिंह व विजय कुमार त्रिवेदी ने बहस पूर्ण की थी। ज्ञातव्य हो गंज मुरादाबाद से हरदोई के सीमावर्ती गाँवों तक उक्त सड़क के दोहरीकरण की मांग शासन से वर्ष 2016 से की जा रही थी। इस संदर्भ में लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल ने दिनांक 06 अप्रैल 2018 को शासकीय पत्र प्रमुख अभियंता विकास एवं विभागाध्यक्ष लोक निर्माण विभाग को उपरोक्त सड़क के मरम्मत एवं दोहरीकरण के लिए प्रस्ताव मांगा था।