दिल्ली :अखिल भारतीय इमाम संगठन के इमाम उमर अहमद इलियासी ने कहा, सुझाव के तौर पर हमारे तरफ से गई है कि मंदिरों और मस्जिदों के बीच में संवाद होना चाहिए. इमामों और पुजारियों के बीच में संवाद होना चाहिए. गुरुकुल और मदरसों के बीच में संवाद होना चाहिए. चूंकि मंदिर और मस्जिद में लोग जाते और इनकी बात मानते हैं. जिसका असर समाज में अच्छा होता है.दिल्ली के हरियाणा भवन में जब मुस्लिम धर्मगुरु और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत आमने-सामने बैठे, तो ये महज एक बैठक नहीं, बल्कि संवाद, भरोसे और साझी सोच की ऐतिहासिक शुरुआत थी. इस संवाद के बाद जो सबसे ज़्यादा मुखर और संतुष्ट दिखे, वे थे देश के बड़े मुस्लिम मौलाना, मुफ्ती और बुद्धिजीवी, जिन्होंने न केवल भागवत के विचारों को सराहा, बल्कि खुले मंच से उनकी पहल की तारीफ़ भी की.