(रईस खान)
लखनऊ:इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ ने 4 अगस्त 2025 को केन्द्रीकृत छात्र अभिविन्यास कार्यक्रम “दीक्षारंभ 2025” का सफल आयोजन किया। यह विशेष आयोजन नवप्रवेशित छात्रों के स्वागत हेतु आयोजित किया गया, जिससे वे विश्वविद्यालय जीवन, शैक्षिक दिशा-निर्देशों और इंटीग्रल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित हो सकें।
इस गरिमामयी अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने समग्र शिक्षा, मूल्य आधारित अध्ययन, परिश्रम तथा राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय संस्कृति और नवीन शिक्षा नीति की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए छात्रों को आदर्श नागरिक बनने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक एवं इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के संस्थापक व कुलाधिपति प्रो. सैयद वसीम अख्तर ने छात्रों का हार्दिक स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की स्थापना, आदर्शों और विकास के मार्ग पर साझा विचार रखे। विशिष्ट अतिथि के रूप में माननीय राज्य मंत्री, अल्पसंख्यक कल्याण, श्री दानिश आज़ाद अंसारी ने छात्रों को विश्वविद्यालय के समावेशी और प्रगतिशील माहौल का लाभ उठाने की प्रेरणा दी।
कुलपति प्रो. जावेद मुसर्रत ने अपने संबोधन में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी की नवीन शैक्षिक नीतियों, नवाचार को बढ़ावा देने वाले उपक्रमों और नेतृत्व निर्माण की दिशा में उठाए गए कदमों का उल्लेख किया।
विशेष अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल जमीरुद्दीन शाह ने विद्यार्थियों को अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहने और राष्ट्र के निर्माण में रचनात्मक भूमिका निभाने का संदेश दिया।
इस अवसर पर इंटीग्रल स्टार्टअप फाउंडेशन की कार्यकारी निदेशक डॉ. निदा फातिमा, इंटीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज़ एंड रिसर्च के कार्यकारी निदेशक श्री सैयद अदनान अख्तर, इंटीग्रल मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च के कार्यकारी निदेशक श्री सैयद फौज़ान अख्तर, तथा माननीय चांसलर के प्रमुख सलाहकार प्रो. फुरकान क़मर ने भी अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम की शुरुआत छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. मुनव्वर आलम खालिद के स्वागत भाषण से हुई, जबकि रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद हारिस सिद्दीकी ने उपस्थित गणमान्यजनों और अतिथियों का आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. सबा सिद्दीकी, IIAST द्वारा प्रभावशाली अंदाज़ में किया गया, जिसने पूरे आयोजन को गरिमा और अनुशासन प्रदान किया।