क़ौमी फ़रमान- सेकुलर भारत का आईना

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सफ़र

मुंबई की सरज़मीन से 2000 के पहले दशक के आखिर में शुरू हुआ क़ौमी फ़रमान एक ऐसा मंच बना, जिसने नफ़रत के दौर में अमन की बात की, और सेकुलर भारत की सच्ची तस्वीर लोगों के सामने रखी।पत्रिका ने तालीम,रोज़गार,कारोबार, और समाजी मसाइल पर गहरी नज़र रखते हुए, सैकड़ों विचारोत्तेजक लेख, फीचर और इंटरव्यू प्रकाशित किए। क़ौमी फ़रमान के पन्नों पर देश के नामवर सहाफ़ियों, लेखकों और तालीमपसंद नौजवानों की कलम चली, कभी “शहर और गाँव का रिश्ता”, तो कभी “निस्वां और नए दौर की चुनौतियाँ”, कभी “सेक्युलर सोच का भविष्य”,तो कभी “शिक्षा बनाम सियासत” पर सार्थक बहसें हुईं।आज भी यह मैगज़ीन उसी रौशनी को आगे बढ़ा रही है, जहाँ सोचने, समझने और एक बेहतर भारत बनाने का सिलसिला कभी नहीं रुकता।

लेखकों और सहाफ़ियों से दरख्वास्त

अगर आप लिखते हैं, सोचते हैं, समाज, देश, राजनीति, तालीम या संस्कृति पर अपनी बात रखना चाहते हैं, तो क़ौमी फ़रमान आपका स्वागत करता है। हर महीने की 15 तारीख़ तक अपने लेख टाइप करके भेजें।आपके विचार, आपकी रिपोर्ट और आपकी कलम से निकला सच, इस पत्रिका के पन्नों को ज़िंदादिल बनाता है।

हमारे नियमित कॉलम

हम समाज के हर रंग को अपने कॉलमों में समेटते हैं, जहाँ शहर और गाँव, राजनीति और तहज़ीब, कारोबार और कैम्पस, सबकी अपनी जगह है

हमकलाम – बातचीत, विचार और नए नजरिए

सेहतनामा – सेहत, तंदुरुस्ती और जन-स्वास्थ्य

सिलसिला – समाज, इतिहास और बदलते रिश्ते

कारोबार – व्यापार, रोज़गार और उद्यम की ख़बरें

कैंपस – शिक्षा जगत और नई पीढ़ी की सोच

बहस – विचारों की टकराहट और लोकतांत्रिक संवाद

हलचल – घटनाओं के पीछे की सच्चाई

प्रोपेगेंडा – झूठ और अफ़वाहों की पड़ताल

कवर स्टोरी – हर अंक की गहराई से की गई रिपोर्ट

निस्वां – औरतों की बात, औरतों के नज़रिए से

सियासी चेहरा – राजनीति के बदलते रंग

हक़बात – समाज और इंसाफ़ की आवाज़

इदारा –इंस्टीट्यूशन और इदारों का अहवाल

जायज़ा – किसी मुद्दे या घटना का विश्लेषण

दो टूक – बेबाक राय

अपनी बात – पाठकों और लेखकों की खुली जगह

पड़ोस – आस-पास के समाज और सरोकार

किताबनामा – नई किताबें, पुराने ख़याल

महफ़िल – संस्कृति, कला और साहित्य

परिदृश्य – समाज का व्यापक चित्र

आ अब लौट चलें,चलो गाँव की ओर – ग्रामीण भारत की ज़मीन से जुड़ी झलकियाँ

शख्सियत -प्रेरक व्यक्तित्वों की दास्तान

मुलाक़ात / इंटरव्यू – विचारशील चेहरों से बातचीत

बाज़ार वग़ैरह, उपभोक्ता, रुझान और मार्केट की हलचल
(आप नए सुझाव और कॉलम-विचार भी भेज सकते हैं, ताकि क़ौमी फ़रमान सबकी आवाज़ बने )

हमारा मक़सद

सेक्युलर भारत का आईना” सिर्फ़ एक नारा नहीं, यह क़ौमी फ़रमान की रूह है। हम नफ़रत नहीं, समझदारी फैलाना चाहते हैं; विभाजन नहीं, संवाद बढ़ाना चाहते हैं; और सबसे बढ़कर, शिक्षा, व्यापार और विकास पर रचनात्मक चर्चा को आगे बढ़ाना चाहते हैं।

अपील

आइए, अपने शब्दों से बदलाव की कहानी लिखें। क़ौमी फ़रमान का हिस्सा बनिए, अपनी सोच को, अपने लेख को, अपने समाज के मुद्दों को इन पन्नों तक पहुँचाइए। लेख भेजने की अंतिम तिथि: हर महीने की 15 तारीख़
ई-मेल: qaumifarman@gmail.com
व्हाट्सएप:, 9821111494
वेबसाइट: www.qaumifarman.com

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