शिक्षा, संस्कार और सपनों की नई उड़ान

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लखनऊ का माहौल इस शनिवार कुछ खास था। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का परिसर उत्साह, उल्लास और उपलब्धियों से भर उठा था। अवसर था विश्वविद्यालय के सत्रहवें दीक्षांत समारोह का, एक ऐसा दिन जब मेहनत को मुकाम मिलता है, और सपने साकार होने की राह पर बढ़ते हैं।

मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री अरविंद कुमार शर्मा ने शिरकत की। अपने प्रेरक संबोधन में उन्होंने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि भारत एक बार फिर उस ऊँचाई पर पहुँच सकता है, जहाँ से कभी “सोने की चिड़िया” कहलाता था। उन्होंने कहा, “भारत शिक्षा और संस्कृति का वैश्विक केंद्र रहा है, तक्षशिला और नालंदा जैसी विद्यापीठें इसकी मिसाल हैं। हमें अपनी महान परंपरा को आधुनिक शिक्षा के साथ जोड़कर आगे बढ़ाना है। शिक्षा केवल डिग्री नहीं, बल्कि आत्मविकास और समाजसेवा का माध्यम है।”

समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के संस्थापक और चांसलर प्रो. सैयद वसीम अख्तर ने की। उन्होंने विद्यार्थियों को जीवन में सच्चाई और ईमानदारी को सबसे बड़ा मंत्र बताया। “सफलता का रास्ता वही है जो मेहनत, नैतिकता और आत्मविश्वास से होकर गुजरता है। अपने माता-पिता और शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट करें, वही आपकी सफलता की असली नींव हैं,” उन्होंने कहा।

प्रो-चांसलर डॉ. सैयद नदीम अख्तर ने अपने उद्बोधन में कहा कि डिग्री प्राप्त करना जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है। “आज की दुनिया को सिर्फ डॉक्टरों और इंजीनियरों की नहीं, बल्कि संवेदनशील और जिम्मेदार नागरिकों की ज़रूरत है,” उन्होंने विद्यार्थियों को समझाया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रसिद्ध उद्योगपति श्री नासिर मुंजी (चेयरमैन, MMTC PAMP एवं ARKA FinCap) ने कहा कि “आज के समय में विश्लेषणात्मक सोच और नवाचार ही सफलता की असली कुंजी है। शिक्षा केवल ज्ञान नहीं, बल्कि दृष्टि देती है, सही दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।”

विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. जावेद मुसर्रत ने बताया कि इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ने शोध, नवाचार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में नई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। “हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना और भारतीय मूल्यों को बनाए रखना है,” उन्होंने कहा।

समारोह में 133 पीएच.डी. डिग्रियाँ और 4,793 स्नातक एवं स्नातकोत्तर उपाधियाँ प्रदान की गईं। उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए साइमा सिद्दीकी और मोहम्मद माज़ को “मेजर स्टूडेंट अवॉर्ड” दिया गया। साथ ही 13 फैकल्टी-वाइज गोल्ड मेडल, 13 सिल्वर मेडल, 108 प्रोग्राम-वाइज गोल्ड मेडल और 105 सिल्वर मेडल विद्यार्थियों को प्रदान किए गए। इंटीग्रल स्टार्टअप फाउंडेशन ने मोहम्मद माज़ को “टेक्नोलॉजी एंड सस्टेनेबल इनोवेशन” श्रेणी में स्टार्टअप अवॉर्ड से सम्मानित किया।

कार्यक्रम का समापन रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद हारिस सिद्दीकी के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ, जबकि कंट्रोलर ऑफ एग्ज़ाम्स प्रो. अब्दुर्रहमान खान ने सफल छात्रों के नामों की घोषणा की।

इंटीग्रल यूनिवर्सिटी का यह समारोह केवल एक शैक्षणिक आयोजन नहीं, बल्कि शिक्षा, संस्कार और आत्मविश्वास का उत्सव है , जहाँ हर विद्यार्थी अपने उज्जवल भविष्य की नई उड़ान भरता है।

-क़ौमी फ़रमान डिजिटल मीडिया नेटवर्क

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