लखनऊ की इंटेगरल यूनिवर्सिटी में बुधवार को दोपहर एक ताज़ियती मीटिंग रखी गई, जिसमें पूर्व प्रो-चांसलर प्रो. मुजफ्फर इक़बाल को ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश की गई। प्रोग्राम की सदारत यूनिवर्सिटी के बानी और चांसलर प्रो. सैयद वसीम अख्तर ने की। यूनिवर्सिटी के तमाम सीनियर अफ़सर, टीचर्स और स्टाफ मौजूद थे।
प्रो. वसीम अख्तर ने बताया कि प्रो. इक़बाल निहायत सादा-पसंद, मेहनती और इल्म-दोस्त इंसान थे। उन्होंने कहा कि एक दिन पहले ही उन्होंने अपनी नई किताब भेजी थी, किसी को अंदाज़ा नहीं था कि यह उनकी आख़िरी यादगार होगी। उन्होंने कहा कि उनका जाना यूनिवर्सिटी के लिए बड़ा नुकसान है और उनकी क़ुर्बानियाँ हमेशा याद रखी जाएँगी।
वे काबिल इंजीनियर और नेक इंसान थे”, कुलपति ने कहा ।कुलपति प्रो. जावेद मसर्रत ने भी कहा कि प्रो. इक़बाल न सिर्फ़ एक काबिल इंजीनियर थे, बल्कि बेहतरीन एडमिनिस्ट्रेटर और ईमानदार इंसान भी थे।
उनके मुताबिक, वे बहुत शरीफ-नफ़्स, दरमियाना स्वभाव और हर किसी की मदद करने वाले शख्स थे।
अंत में सभी ने खड़े होकर दो मिनट का सन्नाटा रखा और उनके लिए दुआ की कि अल्लाह उन्हें माफ़ करे, उनके दर्जात बुलंद करे और उनके घरवालों को सब्र दे।
क़ौमी फरमान डिजिटल मीडिया नेटवर्क

