(रईस खान)
उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के छोटे-से गाँव बड़ागांव से एक ऐसी बेटी निकली है, जिसने न सिर्फ अपने घर का सिर ऊँचा किया, बल्कि पूरे मुल्क को गर्व से चमका दिया। नाम है उनका आसमा रजा, मौलाना शफकत तकी साहब की लाड़ली बेटी हैं, और गाफिरअब्बास भाई की प्यारी बहन। कल्पना करो, गाँव की मिट्टी में पली-बढ़ी ये लड़की, कितनी जज्बे वाली है!
शुरुआत से सफर: मेहनत की मिसाल
बचपन से ही आसमा को किताबों से गहरा इश्क था। ग्रामीण इलाके की जिंदगी में, जहाँ लड़कियों के सपने अक्सर घर की चौखट तक सिमट जाते हैं, आसमा ने उड़ान भरी। उन्होंने एनआईटी दिल्ली से एम.टेक इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग किया। वो भी पावर इलेक्ट्रॉनिक्स वाली स्ट्रीम में टॉप पर! 2023-2025 बैच की ये चैंपियन बनीं, और संस्थान ने उन्हें डायरेक्टर गोल्ड मेडल से नवाजा। ये तो वो मेडल है जो सिर्फ सच्ची मेहनत वालों को मिलता है, जैसे कोई ताज पहनना!
ग्रैंड फिनाले: राष्ट्रपति के हाथों तालियाँ!
19 नवंबर 2025 को, नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक भव्य दीक्षांत समारोह हुआ। मुख्य मेहमान, खुद भारत की सम्मानित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू। राष्ट्रपति महोदया ने अपनी मुस्कान के साथ आसमा को स्वर्ण पदक थमा दिया। सोचो, गाँव की बेटी, राष्ट्रपति के सामने खड़ी, चमकते मेडल को गले लगाए! समारोह में सैकड़ों स्टूडेंट्स थे, लेकिन आसमा की चमक सबको भा गई। राष्ट्रपति जी ने कहा, “युवाओं, नवाचार करो, देश बनाओ!”, और आसमा ने तो वो कर दिखाया!
आज का आसमा: फ्यूचर की स्टार
सिर्फ डिग्री ही नहीं, आसमा अब श्नाइडर इलेक्ट्रिक कंपनी में काम कर रही हैं, एनर्जी मैनेजमेंट और R&D डिपार्टमेंट में। थर्मल मॉडलिंग, PMSM मोटर्स जैसे हाई-टेक काम! कल्पना करो, गाँव की लड़की अब दुनिया को एनर्जी बचाने में मदद कर रही है। ये तो वो कहानी है जो हर बेटी को बोलती है: “तुम भी उड़ सकती हो, बस पंख फैलाओ!”
मुबारकबाद का तड़का
आसमा बेटी, शबाश! तुम्हारी इस कामयाबी से बड़ागांव, मऊ, यूपी, सबका सीना चौड़ा हो गया। ये सिर्फ एक मेडल नहीं, बल्कि लाखों लड़कियों के लिए उम्मीद की किरण है।

