42 साल बाद न्याय का दरवाजा: गंज जलालाबाद हत्याकांड में कुलदीप कटियार पर हाईकोर्ट का शिकंजा

Date:

(क़ौफ़ ब्यूरो)

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के गंज जलालाबाद में 1983-84 के कुख्यात दोहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपी कुलदीप कटियार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए उसे 28 नवंबर को सुबह 10 बजे अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है। चार दशक से अधिक समय से फरार जैसी जमानत पर घूम रहे इस बाहुबली पर जमानती वारंट जारी कर तत्काल गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए हैं। यह फैसला न केवल पीड़ित परिवार के लिए न्याय की उम्मीद की किरण है, बल्कि पूरे क्षेत्र में दबंगई के खिलाफ एक बड़ा संदेश भी।

घटना की काली यादें: सरेआम सिर काटकर ले गए हत्यारे

साल 1983-84 की वह सुबह आज भी गंज जलालाबाद के बुजुर्गों की सांसों में कैद है। सामान्य दिन की शुरुआत में रज्जू कुशवाहा नामक एक व्यक्ति और एक अन्य अध्यापक को सड़क पर घेरकर सरेआम गोली मार दी गई। अपराधियों ने न केवल उनकी हत्या की, बल्कि रज्जू कुशवाहा का सिर काटकर ले जाने की हृदयविदारक घटना को अंजाम दिया। इस दोहरे हत्याकांड ने पूरे इलाके को सदमे में डुबो दिया था। इंसानियत, कानून और प्रशासन तीनों उस दिन हार गए थे।

मुख्य आरोपी कुलदीप कटियार, जो मल्लावां के खेतहरा मजरे का निवासी है, इस हत्याकांड के अलावा चार अन्य हत्याओं का भी आरोपी है। दो मामलों में वह पहले ही सजायाफ्ता हो चुका है, लेकिन जमानत के सहारे वह वर्षों से बेखौफ घूमता रहा। स्थानीय लोग आज भी उसके नाम से कांपते हैं। एक बुजुर्ग निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “वह कहता था कि कानून को जेब में रखता हूं… और सच में लगता भी था।” 1984 में हाईकोर्ट से मिली जमानत उसके लिए ‘मुक्ति पत्र’ साबित हुई, और मामला अदालतों में धूल खाता रहा। इस बीच, कुलदीप की राजनीतिक पहुंच बढ़ती गई, जिससे स्थानीय लोग चुप्पी साधे रहे।

पीड़ित परिवार की अनथक लड़ाई: टूटे घर से न्याय की आस

हत्याकांड के बाद रज्जू कुशवाहा का परिवार पूरी तरह बिखर गया। बच्चे स्कूल छोड़ने को मजबूर, बहनों की शादियां रुक गईं, खेत बिक गए और हर रात डर का साया घर पर मंडराने लगा। फिर भी, परिवार ने न्याय का रास्ता नहीं छोड़ा। अपील संख्या 564/1984 के तहत हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर इस साल सुनवाई हुई। अदालत को बताया गया कि सह-आरोपियों की मौत हो चुकी है, लेकिन कुलदीप कटियार जिंदा है और जमानत पर बाहर।

इसके बाद हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया: “आरोपी कुलदीप कटियार को 28 नवंबर 2025 को सुबह 10 बजे हर हाल में कोर्ट में पेश किया जाए। जमानती वारंट की तामीला तत्काल कराई जाए।” यह आदेश 42 वर्षों की चुप्पी को चीरने वाला है। पीड़ित परिवार के एक सदस्य ने भावुक होकर कहा, “हमने कभी हार नहीं मानी। आज लगता है, न्याय का सूरज उगने वाला है।”

 

गांव में हलचल: फुसफुसाहट से खुली चर्चा तक

 

हाईकोर्ट के आदेश के बाद गंज जलालाबाद की गलियों में एक नई हवा बहने लगी है। चौपालों पर बुजुर्ग चाय की चुस्कियों के साथ चर्चा कर रहे हैं: “अबकी बार शायद सच में कुछ होगा… कानून देर से आता है, लेकिन आता जरूर है।” युवा पीढ़ी, जो इस घटना को सिर्फ दादा-दादी की कहानियों से जानती थी, अब सोशल मीडिया पर इसकी लाइव अपडेट्स शेयर कर रही है। एक स्थानीय युवक ने कहा, “पहली बार लग रहा है कि दबंगों का राज टूटेगा।”

 

योगी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति की कसौटी

 

प्रदेश सरकार कानून-व्यवस्था पर ‘जीरो टॉलरेंस’ का दावा करती रही है, लेकिन यह केस उसकी परीक्षा बन गया है। कुलदीप कटियार पर लंबे समय से यह धारणा रही है कि वह क्षेत्रीय विधायक के करीबी हैं, जिसके भरोसे बेखौफ रहे। जनता अब सवाल उठा रही है: क्या राजनीतिक संरक्षण वाले बाहुबली भी कानून के साये से बच नहीं पाएंगे? जिला प्रशासन ने आदेश की पालना का भरोसा दिया है, लेकिन 28 नवंबर की तारीख सभी की नजरों में है।

28 नवंबर: न्याय की परीक्षा, समाज की उम्मीद

यह तारीख महज एक दिन नहीं, बल्कि 42 वर्षों का प्रतीक है, पीड़ित परिवार की आस, गांव की डर की सुरंग, प्रशासन की चुप्पी और राजनीति के आरोपों का बोझ। कुलदीप कटियार की अदालत में हाजिरी दर्ज होना ही समाज के लिए बड़ी जीत होगी। यह केस सिर्फ एक अपराधी की कहानी नहीं, बल्कि सिस्टम बनाम न्याय, डर बनाम हिम्मत और लोकतंत्र बनाम दबंगई की गाथा है।

42 साल बाद खुली फाइल अब समाज की सांसें खोल रही है। सबकी निगाहें 28 नवंबर पर टिकी हैं, जब हाजिरी से ज्यादा, न्याय की प्रतिष्ठा दांव पर होगी। क्या दबंगई की दीवार टूटेगी? समय बताएगा।

(यह रिपोर्ट स्थानीय स्रोतों और अदालती दस्तावेजों के आधार पर तैयार की गई है। अपडेट्स के लिए बने रहें।)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_img

पॉपुलर

और देखे
और देखे

तारिक हलाल मीट्स: हलाल मीट की दुनिया में एक नया चैप्टर 

लंदन के बेथनल ग्रीन की हलचल भरी सड़कों पर,...

गुफ्तगू-2025 — रियल एस्टेट की नई राहें तलाशती लखनऊ की अहम बैठक

(रईस खान) लखनऊ के हरदोई रोड स्थित अज़्म इंटरप्राइजेज कार्यालय...

पीएमओ में हंगामा: मोदी के करीबी हीरेन जोशी ‘गायब’, प्रसार भारती चेयरमैन सहगल ने दिया इस्तीफा

(रईस खान) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय (पीएमओ) में अचानक...