देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का आज निधन हो गया उनके निधन पर ग़म का माहौल है. डॉ मनमोहन सिंह एक कुशल अर्थशास्त्री तो थे ही वह एक मिलनसार विन्रम इंसान भी थे. मनमोहन सिंह का बचपन एक पिछड़े इलाके में गुजरा जहां पर ना कोई स्कूल था और ना ही बिजली की व्यवस्था थी. ऐसे में मनमोहन सिंह लैंप की रोशनी में पढ़ाई करते थे और मीलों पैदल चलकर वह स्कूल जाते थे. उनका यह संघर्ष बेकार नहीं गया बल्कि शिक्षा के प्रति उनकी इस सच्ची लगन ने मनमोहन सिंह को कैंब्रिज और ऑक्सफोर्ड जैसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों तक पहुंचा दिया. 1991 में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में उन्हें वित्त मंत्री की जिम्मेदारी दी गई जिसको उन्होंने पूरी ईमानदारी से निभाया और देश में आर्थिक सुधारो की शुरुआत भी की.
काबिले गौर हो कि पॉलिटिक्स में मनमोहन सिंह को कोई खास दिलचस्पी नहीं थी और यह महज़ संयोग ही था कि जब 2004 में कांग्रेस शानदार तरीके से कामयाब हुई तब उस वक्त श्रीमती सोनिया गांधी ने पीएम बनने से इनकार कर दिया तो डॉक्टर मनमोहन सिंह को उनकी बेहतरीन और ईमानदार छवि की वजह से पीएम पद की जिम्मेदारी सौंपी गई जिसे उन्होंने बखूबी निभाया. डॉ मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक लगातार 10 साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे. अपने अच्छे कार्यकाल के लिए डॉक्टर मनमोहन सिंह बतौर प्रधानमंत्री के तौर पर हमेशा याद किए जाएंगे. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर पीएम मोदी समेत राजनीतिक जगत के सभी दिग्गज नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है.
शिब्ली रामपुरी