पवित्र रमज़ान माह के मुबारक मौके पर दिनांक 27.03.2025 को रामपुर रज़ा पुस्तकालय एवं संग्रहालय के दरबार हॉल में “पवित्र क़ुरान तथा ख़त्ताती के नमूनों” की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन डॉ. महमूद अली खान, अध्यक्ष, सौलत पब्लिक लाइब्रेरी, द्वारा किया गया। इस प्रदर्शनी में ईशा रहमान, चिकित्सा छात्रा, राजश्री मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, बरेली द्वारा बनाए गए ख़त्ताती के नमूनों को भी प्रदर्शित किया गया है।
इस अवसर पर डॉ. महमूद अली खान ने कहा कि रज़ा पुस्तकालय में क़ुरान की कई दुर्लभ प्रतियाँ उपलब्ध हैं, जिनमें से कुछ को रमज़ान के पवित्र महीने में विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाता है। रमज़ान के इस मुबारक मौके पर आयोजित इस प्रदर्शनी में क़ुरान की इन दुर्लभ प्रतियों को देखना और पढ़ना, जो हमें राहे-हिदायत की ओर ले जाती हैं, एक पुण्य का कार्य है।
कार्यक्रम का संचालन कर रहीं श्रीमती शाबाना अफ़सर ने कहा कि इस प्रदर्शनी में कूफ़ी लिपि में 7वीं सदी ईस्वी में हज़रत अली द्वारा लिखी गई दुर्लभ क़ुरान मजीद को प्रदर्शित किया गया है। इसके अलावा, अल्फ़ी क़ुरान मजीद, जिसकी हर लाइन ‘अलिफ़’ से शुरू होती है, और वावी क़ुरान, जिसकी हर लाइन ‘वाव’ से शुरू होती है, भी इस प्रदर्शनी का हिस्सा हैं। इसमें एक पृष्ठ पर एक पूरा पारा लिखा गया है, जिसे विशेष रूप से प्रदर्शनी में शामिल किया गया है। साथ ही, क़ुरान शरीफ का आख़िरी अम्मा पारा, जिसमें तिलावत का तरीका दर्शाया गया है, भी प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया है। यह नवाब रज़ा अली खान की सालगिरह के अवसर पर प्रस्तुत किया गया था।
इसके अतिरिक्त, हिंदी और अंग्रेज़ी में अनुवादित क़ुरान भी प्रदर्शनी में शामिल हैं। शान-ए-नुज़ूल, जिसे शैख़ सादी रहमतुल्ला अलैह ने फारसी (गुजराती) में अनुवादित किया था, को भी प्रदर्शित किया गया है।
इस अवसर पर डॉ. अदनान खान, श्रीमती शाज़िया रहमान, श्री नजमुल रहमान, श्रीमती हुमा ज़फ़र, डॉ. नम्रा महमूद, श्री जीशान मुराद, डॉ. अबुसाद इस्लाही, श्री अरुण कुमार सक्सेना, सैयद तारिक अज़हर, इस्वाह खान आदि उपस्थित रहे।