हैदराबाद में राजेश रम्मानी की करांची बेकरी पर भीड़ ने हमला करके तोड़फोड़ की। यह लोग बेकरी के नाम से नाराज़ है।
‘कराची बेकरी’ की शुरुआत देश की आजादी के कुछ वक्त बाद ही हुई थी। ’कराची बेकरी’ की सबसे पहली दुकान उसी समय हैदराबाद के मोज्जम जाही मार्केट में खोली गई।इसका सामान 20 से ज्यादा देशों को एक्सपोर्ट होता है। इसका सालाना रेवेन्यू 100 करोड़ रुपये से ज्यादा है। वहीं 1,000 से ज्यादा लोगों को ये कंपनी रोजगार देती है।
इसकी शुरुआत करने वाले खानचंद रामनानी थे, जो असल में एक सिंधी हिंदू थे। वह साल 1947 में बंटवारे के वक्त पाकिस्तान से भारत के हैदराबाद आ गए थे. वह पाकिस्तान के कराची शहर से ताल्लुक रखते थे. इसलिए जब वह भारत आए, तो कराची में अपने घर की याद… एक टीस हैदराबाद आने पर भी उनके मन में बनी रही।
कराची बेकरी… ने जब अपना कारोबार शुरू किया, तो उनकी सबसे बड़ी पहचान बनी एक खास बिस्किट ‘ओस्मानिया बिस्किट’…
इस खास तरह के बिस्किट ने उन्हें रातोंरात हैदराबाद में लोगों के बीच पॉपुलर बना दिया. आज रामनानी खानदान की तीसरी पीढ़ी इस कारोबार को संभालती है। अब इसका नाम बदलवाने की मांग उठी है।