इंद्रदान सोनी पेशे से ज्वेलरी का काम करते हैं और खुद 12वीं तक पढ़े हैं। लेकिन उनके बच्चों ने शिक्षा को लेकर जो जुनून दिखाया, उसने पूरे परिवार की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल दी। सबसे बड़ी बेटी डॉ. चांदनी सोनी ने एमबीबीएस करने के बाद अब गाइनेकोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएशन शुरू कर दिया है, उनके बाद की तीन बहनें भी बीकानेर और जोधपुर से एमबीबीएस कर चुकी हैं और पीजी की तैयारी कर रही हैं। पांचवीं बेटी सविता, सोलापुर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस के तीसरे वर्ष में पढ़ रही हैं।इसी परिवार के सबसे छोटे जुड़वां भाई-बहन जयेश और खुशबू सोनी ने भी दसवीं बोर्ड परीक्षा में राज्य स्तर की मेरिट सूची में स्थान प्राप्त कर यह साबित कर दिया है कि यह परिवार सिर्फ बेटियों की नहीं, बल्कि पूरे समाज की सोच बदलने की मिसाल बन चुका है। जयेश ने 98.83 प्रतिशत अंक हासिल कर स्टेट मेरिट में जगह बनाई है।बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर चुकी परिवार की दूसरी बेटी डॉ. राजश्री कहती हैं कि समाज में बेटियों को लेकर सोच बदलनी जरूरी है, जब उन्हें अवसर मिलता है तो वे चमत्कार कर सकती हैं। अब सरकार भी कई योजनाओं से बेटियों को प्रोत्साहित कर रही है, बस हमें उन्हें मौका देना होगा।