(रईस खान)
आज शाम 5 बजे वज़ीरे-आज़म नरेंद्र मोदी मुल्क से मुख़ातिब होंगे। नवरात्रि की शुरुआत पर यह ख़िताब आम लोगों के लिए राहत का पैग़ाम और मुल्क की आर्थिक सियासत के लिए नए इम्तिहान का ऐलान हो सकता है।
सरकार ने जीएसटी ढाँचे को आसान बनाते हुए अब सिर्फ़ दो बड़े स्लैब रखे हैं, 5 और 18 फ़ीसदी। आम लोगों की रोज़मर्रा की ज़रूरतों पर कम टैक्स लगेगा, कारोबारियों को भी सहूलियत मिलेगी। महंगे और शाही सामान पर 40% टैक्स और तंबाकू जैसी हानिकारक वस्तुओं पर 28%+सेस जारी रहेगा। पैग़ाम साफ़ है: आम आदमी को राहत, ऐश-ओ-इशरत पर रोक।
मगर हालात सिर्फ़ घर के नहीं, बाहर के भी हैं। अमरीका ने रूस से तेल ख़रीद पर भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया और H-1B वीज़ा फ़ीस 1 लाख डॉलर कर दी। यह हिंदुस्तान की इक़्तिसादी आज़ादी और आईटी सेक्टर दोनों के लिए बड़ा दबाव है। ऐसे में मोदी जी शायद “आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन इंडिया” का नारा दोहराएँगे, ताकि दुनिया को संदेश जाए कि भारत झुकने वाला नहीं।
आख़िरकार, आज का पैग़ाम दो रंगों में होगा , राहत और चुनौती। एक तरफ़ टैक्स सुधार की खुशख़बरी, दूसरी तरफ़ दुनिया की सियासी-इक़्तिसादी आँधियों का मुक़ाबला करने का जज़्बा।