(रईस खान)
कानपुर में डा. नईम हामिद हॉस्पिटल में एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें हास्पिटल संचालक डा. मुबारक के साथ डा. अशफाक, डा. शाहिद, डा. अतिया, डा. बेनज़ीर और डा. मुदस्सिर और रईस खान मौजूद रहे। बैठक में सोशल एक्टिविस्ट शाहिद कामरान, मुशीर आलम, शाहिदा परवीन और पत्रकार हुमा ने भी शिरकत की।
बैठक में समाज के सामने मौजूद हेल्थ, तालीम और समाजी ज़रूरतों पर तफ्सील से चर्चा हुई।
डाक्टरों ने कहा कि गरीब और कमजोर तबके के मरीज़ों के लिए इलाज आसान और सस्ता होना चाहिए। इसके लिए कम फीस पर ओपीडी चलाने और मेडिकल कैंप लगाने पर सहमति बनी। साथ ही ज़रूरतमंद मरीजों की सर्जरी और बड़े इलाज के लिए एक सामूहिक फंड बनाने की बात सामने आई।
बांगरमऊ में मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग इंस्टीट्यूट खोलने को लेकर भी प्रस्ताव रखा गया। डॉक्टरों ने कहा कि इस कदम से इलाके में न सिर्फ बेहतर इलाज मिलेगा, बल्कि बच्चों को मेडिकल तालीम के नए मौके भी मिलेंगे।
शिक्षा के विषय में शाहिद कामरान ने कहा कि मुस्लिम नौजवानों को प्रोफेशनल कोर्स की तरफ बढ़ाना ज़रूरी है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह बच्चों को चार्टर्ड अकाउंटेंसी और कॉमर्स की पढ़ाई में रहनुमाई देंगे। बैठक में यह भी तय हुआ कि गरीब बच्चों को इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसे प्रतियोगी इम्तिहानों की तैयारी के लिए स्कॉलरशिप और कोचिंग की सहूलियत दी जाए।
सोशल एक्टिविस्ट मुशीर आलम ने कहा कि समाजी कामों में नौजवानों और औरतों की शिरकत ज़रूरी है। उन्होंने महिलाओं के लिए हुनरमंद प्रोग्राम, जैसे सिलाई-कढ़ाई और फूड प्रोसेसिंग की यूनिटें शुरू करने का सुझाव दिया। साथ ही नौजवानों के लिए स्किल डेवलपमेंट सेंटर बनाने की जरूरत पर जोर दिया गया।
बैठक का नतीजा यह निकला कि सबसे पहले सस्ती हेल्थकेयर, करियर गाइडेंस और स्किल डेवलपमेंट की दिशा में काम शुरू किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज जैसी बड़ी योजनाओं को लम्बी मुद्दत का लक्ष्य माना गया।
अगली बैठक बांगरमऊ में करने का फैसला लिया गया, जिसमें इन मुद्दों पर आगे की ठोस कार्ययोजना तैयार की जाएगी।