द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता वाली चुनाव आयोग की टीम से मिलने वाले भाजपा प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे जायसवाल ने बूथ कैप्चरिंग और मतदाताओं को डराने-धमकाने की आशंका वाले क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों की पर्याप्त तैनाती का भी अनुरोध किया.
बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने चुनाव आयोग से एक या दो चरणों में चुनाव कराने का आग्रह किया है. चुनाव प्रक्रिया को कई चरणों में पूरा करने की आवश्यकता नहीं है. साथ ही, मतदाताओं, खासकर बुर्काधारी महिलाओं के चेहरों का मिलान उनके मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) से सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि केवल वास्तविक मतदाता ही अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें.
उन्होंने आगे कहा, ‘हमने यह भी अनुरोध किया है कि अति पिछड़े वर्गों जैसे कमज़ोर वर्गों की अधिक आबादी वाले गांवों में कुछ दिन पहले अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाए और मतदाताओं में विश्वास जगाने के लिए फ्लैग मार्च जैसा अभ्यास किया जाए.जायसवाल ने बताया कि नदी तटीय क्षेत्रों में, जहां बूथ कैप्चरिंग का इतिहास रहा है, घुड़सवार सेना की तैनाती भी सुनिश्चित की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं. इसमें कहा गया है कि मतदान समाप्त होने पर, मतदान एजेंटों को पीठासीन अधिकारी से फॉर्म 17सी प्राप्त करना होगा. कई बार, एजेंट ऐसा किए बिना ही अपने निर्धारित बूथ से चले जाते हैं, जिससे बाद में अनावश्यक विवाद की गुंजाइश बनी रहती है.’
जायसवाल के अनुसार, ‘तारीखों के संबंध में, हमने चुनाव आयोग को बताया कि नियमों के अनुसार, चुनाव घोषणा की तारीख से कम से कम 28 दिनों के अंतराल के बाद कराए जा सकते हैं. उदाहरण के लिए, अगर चुनावों की घोषणा अब से कुछ दिनों बाद होती है, तो चुनाव 3-4 नवंबर तक कराए जा सकते हैं.’