(रईस खान /शिबली रामपुरी)
मुंबई के बॉम्बे एग्ज़िबिशन सेंटर में आज से शुरू हुआ वर्ल्ड ऑफ कंक्रीट इंडिया 2025 देशभर के इंजीनियरों, बिल्डरों और निर्माण से जुड़े लोगों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है। यह तीन दिन तक चलने वाला बड़ा आयोजन कंक्रीट और निर्माण से जुड़ी नई तकनीकें, मशीनें और विचार एक ही जगह लेकर आया है।
क्या है खास इस बार
इस प्रदर्शनी में देश और विदेश की सैकड़ों कंपनियाँ हिस्सा ले रही हैं। कोई नई तरह की प्रीकास्ट तकनीक दिखा रहा है तो कोई कंक्रीट ब्लॉक बनाने की मशीनें, ड्रेनेज सिस्टम, या पर्यावरण के अनुकूल निर्माण समाधान। यहाँ हर वह चीज़ है जो आज और आने वाले कल के निर्माण को मज़बूत और टिकाऊ बना सकती है।
सीखने और दिखाने का मौका
शो में लगे “टेक टॉक्स” और “डेमो ज़ोन” सबसे ज़्यादा आकर्षण का केंद्र हैं। यहाँ इंजीनियर और विशेषज्ञ नई तकनीकों को आज़मा रहे हैं। युवा इंजीनियरों और ठेकेदारों के लिए यह जगह किसी ओपन क्लासरूम जैसी है, जहाँ वे देख भी रहे हैं और सीख भी रहे हैं कि निर्माण की दुनिया कैसे बदल रही है।
सिर्फ प्रदर्शनी नहीं, एक मंच
वर्ल्ड ऑफ कंक्रीट इंडिया अब सिर्फ एक ट्रेड शो नहीं, बल्कि पूरे निर्माण उद्योग के लोगों के मिलने-जुलने, विचार साझा करने और नए रिश्ते बनाने का मौका बन गया है। इस बार आयोजन में रिकॉर्ड संख्या में कंपनियाँ और आगंतुक शामिल हैं, जो दिखाता है कि भारत का कंक्रीट उद्योग किस तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
पर्यावरण की भी चिंता
इस साल का बड़ा फोकस है, सस्टेनेबल यानी टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल निर्माण। कई कंपनियाँ ऐसी तकनीकें दिखा रही हैं जिनसे पुराने कंक्रीट का दोबारा इस्तेमाल हो सके, और ऊर्जा की भी बचत हो।
“वर्ल्ड ऑफ कंक्रीट इंडिया” आज भारत की बढ़ती निर्माण शक्ति का प्रतीक बन गया है। यहाँ न सिर्फ कंक्रीट के नए रूप दिखते हैं, बल्कि यह भी महसूस होता है कि भारत की नई पीढ़ी अब सिर्फ इमारतें नहीं, बल्कि मज़बूत और टिकाऊ भविष्य गढ़ रही है।