केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना पर आश्चर्य जाहिर किया। उन्होंने कहा कि फसल बीमा के ऐसे क्लेम स्वीकार नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों को किसानों को हुए नुकसान का उचित आकलन करना चाहिए।शिवराज सिंह चौहान ने एक उच्च-स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के कार्यान्वयन और बीमा दावों से संबंधित किसानों की शिकायतों की समीक्षा की। शिकायतों की गहन जांच के आदेश देते हुए, चौहान ने बीमा कंपनियों से दावों का शीघ्र और एकमुश्त निपटान करने को भी कहा। चौहान ने कड़े शब्दों में कहा, “बीमा कंपनियों द्वारा एक रुपये, तीन रुपये, पांच रुपये या 21 रुपये का फसल बीमा दावा देना किसानों के साथ मजाक करने जैसा है। सरकार ऐसा कभी नहीं होने देगी।इस साल भारी बारिश के चलते अलग-अलग राज्यों में किसानों को खासा नुकसान हुआ है। कहीं खड़ी फसलें बाढ़ में बह गईं तो कहीं कटी हुई फसलें खलिहान या मंडी में सड़ गई। किसानों को खासा नुकसान हुआ है। ऐसे में कई किसानों के साथ मुआवजे के नाम पर मजाक हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि कुछ किसानों को फसल बीमा के नाम पर 1,3,5 और 21 रुपये दिए गए हैं। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस बारे में जानकारी मिली तो वह भी हैरान रह गए। उन्होंने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
क़ौमी फ़रमान डिजिटल मीडिया नेटवर्क

