बिना सूचना कराई गई बैठक, सदस्यों को प्रवेश से रोका

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ग्राम पंचायत गंज जलालाबाद में समिति गठन पर बवाल, प्रशासन पर पक्षपात के गंभीर आरोप

ग्राम पंचायत गंज जलालाबाद में तीन सदस्यीय संचालन समिति के गठन को लेकर विवाद गहरा गया है। पंचायत सदस्यों ने आरोप लगाया है कि बैठक की जानकारी जानबूझकर छुपाई गई और चुने हुए सदस्यों को मीटिंग हॉल में घुसने तक नहीं दिया गया। अचानक बैठक स्थल बदलने और बिना एजेंडा बैठक बुलाने को लेकर प्रशासन पर पक्षपात और कानूनी प्रक्रिया के उल्लंघन के आरोप लग रहे हैं।

सूचना और एजेंडा के बिना हुई बैठक

सदस्यों के अनुसार 20 नवंबर की बैठक के लिए न तो कोई लिखित सूचना जारी की गई और न ही बैठक का एजेंडा उपलब्ध कराया गया। वर्षों से पंचायत भवन, मजरा देवीपुरवा में होने वाली बैठकों को इस बार अचानक सामुदायिक भवन में शिफ्ट कर दिया गया, जो अभी ग्राम पंचायत को हस्तांतरित भी नहीं है।

सदस्यों ने कहा कि बैठक स्थल का बदलाव पूरी प्रक्रिया को संदिग्ध बनाता है।

सदस्यों को मीटिंग हॉल में घुसने नहीं दिया

ग्राम पंचायत सदस्य रामकुमार गौतम और बुद्धू गौतम ने बताया कि उन्हें बैठक की सूचना किसी तीसरे व्यक्ति से मिली। जब वे सामुदायिक भवन पहुँचे तो एसडीएम ने उन्हें मीटिंग हॉल में घुसने ही नहीं दिया, जिसके कारण वे चुनाव प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सके।

सदस्यों का कहना है कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है।

एसडीएम की भूमिका पर उठे सवाल

सदस्यों का आरोप है कि एसडीएम बिलग्राम एन. राम समिति गठन की पूर्व बैठकों में भी अनुपस्थित रहे। तीन बार एजेंडा जारी होने के बावजूद वे मीटिंग करने मौके पर नहीं पहुंचे, जबकि बहुसंख्यक सदस्य उपस्थित थे। उनका कहना है कि अधिकारियों ने “सीमित और मनचाहे” सदस्यों को समिति में शामिल करने की तैयारी पहले से कर रखी थी।

पंचायत सचिव पर सूचना छिपाने का आरोप

सदस्यों का कहना है कि पंचायत सचिव ने भी बैठक की कोई सूचना नहीं दी। 7 नवंबर को जारी अधिसूचना के बाद 11 सदस्य 5 बजे तक पंचायत भवन पर बैठे रहे, लेकिन एसडीएम नहीं पहुंचे। इसके बावजूद 20 नवंबर की बैठक अचानक और गुप्त तरीके से करा दी गई।

हाईकोर्ट में मामला लंबित, फिर भी जल्दबाज़ी में गठन?

ग्राम प्रधान के वित्तीय अधिकार सीज़ होने के खिलाफ दायर रिट याचिका पर 18 नवंबर को लखनऊ खंडपीठ में बहस पूरी हो चुकी है और फैसला आना बाकी है। ऐसे समय में समिति गठन की जल्दबाज़ी को लेकर भी अधिकारियों की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।

अधिकारियों का पक्ष उपलब्ध नहीं

जब एसडीएम से इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई तो उनका पक्ष उपलब्ध नहीं हो सका।

ग्रामसभा में रोष, पारदर्शी प्रक्रिया की मांग

घटना के बाद क्षेत्र में चर्चा तेज है। लोग चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि अनुचित दबाव और प्रशासनिक मिलीभगत से ग्राम पंचायत के अधिकारों को कमजोर किया जा रहा है।

क़ौमी फ़रमान ब्यूरो

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