दिल्ली :प्रियंका गांधी ने कहा, ‘संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं है बल्कि नेहरू, राजगोपलचारी सबका एक विजन है। उस समय के तमाम नेता इस संविधान को बनाने के लिए सालों के लिए जुटे रहे। हमारा संविधान इंसाफ, उम्मीद और अभिव्यक्ति और आकांक्षा की वो ज्योति है जो हर हिंदुस्तानी के दिल में जगती है, इस ज्योति ने हर भारतीय को शक्ति दी कि उसे न्याय मिलने का अधिकार है। कि जब वो आवाज उठाएगा तो सत्ता को उसके सामने झुकना पड़ेगा। इस संविधान ने हर देशवासी को अधिकार दिया कि वो सरकार बना भी सकता है और गिरा भी सकती है।प्रियंका ने अपने भाषण में उन्नाव रेप केस का जिक्र किया। संभल हिंसा की बात की। उनके बहाने बीजेपी को घेरा। कहा कि ये देश का संविधान है, संघ का विधान नहीं। जाति जनगणना क्यों जरूरी है, उसके पक्ष में तर्क गिनाईं। चुनाव के दौरान पीएम मोदी के ‘मंगलसूत्र’ वाले बयान पर तंज भी कसा। सरकार पर एक खास व्यक्ति को देश के संसाधनों को देने का आरोप लगाया। मोदी सरकार की तरफ से विपक्षी नेताओं के कथित दमन का मुद्दा उठाया। कहा कि ये देश भय से नहीं चलेगा, साहस से ही चल सकता है। ये देश ‘कायरों के हाथों’ में ज्यादा देर तक कभी नहीं रहेगा, ये देश उठेगा, ये देश लड़ेगा।
संसद में दिए अपने पहले ही भाषण में प्रियंका गाँधी ने सरकार पर एक खास व्यक्ति को देश के संसाधनों को देने का आरोप लगाया
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