दिल्ली :मौलाना अरशद मदनी ने RSS के 100 साल पूरे होने पर उनके प्रस्ताव की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘RSS ने अपनी कमेटी में जो प्रस्ताव रखा, वह हमें अच्छा लगा। अगर हिंदू-मुस्लिम के साथ आने की बात हो, तो हम RSS के खिलाफ नहीं हैं।’ उन्होंने बताया कि 8 साल पहले उनकी मुलाकात RSS प्रमुख मोहन भागवत से हुई थी और उन्होंने यही बात कही थी। उन्होंने कहा कि अगर आगे मौका मिला, तो फिर मिलेंगे। काशी और मथुरा के मंदिर विवाद पर मौलाना मदनी ने कहा, ‘इस मामले में हमारा नजरिया 1991 का वर्शिप एक्ट है।’ तीन बच्चों के कानून पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, ‘जिसकी जितनी मर्जी हो, वह करे।मौलाना मदनी ने भारत में मुसलमानों के ऐतिहासिक योगदान का जिक्र करते हुए कहा, ‘भारत में मुसलमान हजार साल से ज्यादा समय से रह रहे हैं। केरल से कश्मीर तक, हर बिरादरी में हिंदू भी हैं और मुसलमान भी। हमारा इतिहास तुमसे ज्यादा अच्छा है।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि जमीयत सड़कों पर हिंदू-मुस्लिम तनाव नहीं चाहती, बल्कि संवैधानिक तरीके से कोर्ट में अपनी लड़ाई लड़ेगी।मौलाना मदनी ने कहा, ‘मुसलमानों के सामने एक-दो मसले नहीं, बल्कि मुद्दों का अंबार है। मुल्क की आजादी के बाद सांप्रदायिक मानसिकता को मौका मिला और मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाया गया। जमीयत उलेमा-ए-हिंद सबसे पहले इसके खिलाफ सामने आई थी। हम सांप्रदायिक ताकतों से सड़कों पर नहीं लड़ेंगे, क्योंकि यह देश के लिए सही नहीं है। हमारी लड़ाई उस सरकार से है, जो इन ताकतों को खुला छोड़ रही है।
अगर हिंदू-मुस्लिम के साथ आने की बात हो, तो हम RSS के खिलाफ नहीं हैं:अरशद मदनी
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